कृष्णवाणी
हम सदैव चाहते है की ये संसार हमे ज्ञानी कहे, बुद्धिमान कहे, समझदार कहे,किंतु मूर्ख, मूर्ख न कहे ,मूर्ख इस शब्द से सभी कतराते है,दूर भागते है किंतु एक सत्य से सभी अनजान है की मूर्ख बनना बुद्धिमान बनने की और पहला कदम है।
अब बड़े से बड़े ज्ञानी के साथ बैठ जाइए, कितनी भी बारे कर लीजिए , कितना भी ज्ञान बात लीजिए लेकिन अनुभव मूर्ख बनने के पश्यत ही आता हे! हे की नई मूर्ख बनने के पश्यात आपको ये समाज में आता है की ये नही करना चाहिए ,ज्ञानी आपको ये बताते हे की इस संसार में क्या करना चाहिए ।
इस लिए स्मरण रखियेगा आपसे हुई कुछ भूले , या फिर आपको कोई मूर्ख बना जाता हे, या फिर कोई छल कपट करता है तो कोई बात नई ये अंतमे आपको और बुद्धिमान बनाएगा इस समय सकारात्मक रहिएगा संसार आपको अवश्य ज्ञानी कहेगा ।

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