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कृष्णवाणी: निस्वार्थ प्रेम किसे कहते हैं?

                     कई सारे लोगो के मन में एक प्रश्न उठता हे  कृष्ण और राधा को लेकर कहते हे की ना तो कृष्ण और राधा साथ में रहते है, ना उनका विवाह हुआ है,कृष्ण द्वारका में रहते ही राधा बरसाने में तब भी इतना प्रेम केसे? ये संबंध हे केसा ? कृष्ण उनको सरल भाषा में कहते हे,
आप कभी दर्पण में देखकर अपनी दोनो आंखों को देखकर कभी पूछे की ये दोनो आंखे एकसाथ क्यू बंध होती है, एकसाथ क्यू खुलती है ,एकसाथ क्यू सोती है , एकसाथ क्यू रोती है,क्या आजीवन  एक व्यक्ति से संबंध बनाया जा सकता है बिना उनसे मिले?

               कुछ ऐसा ही प्रेम हे राधा और कृष्ण का ,और ऐसा ही तो होता हे प्रेममे दो आंखो की भाती जो कभी मिलेगी नही लेकिन सदा सदा के लिए साथ जुड़े रहते हैं, यही भाव निस्वर्थता है, और यही निस्वार्थ प्रेम आनंद की और ले जायेगा ।

                 राधे राधे।


 

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