मनुष्य और धन इन दोनो में संबंध अत्यंत गहरा हे धन वो शक्ति हे जिसका उपयोग मनुष्य करता है सांसारिक वस्तु को खरीदने के लिए और मनुष्य वो शक्ति हे जो धन को महानबान देती है ,अब एक बात हे उपयोग करना चाहिए धन का और प्रेम करना चाहिए मनुष्य से ये बात अधिकतर लोग समझते ही नही,लोग यही सबसे बड़ी भूल कर बैठते हे वो प्रेम करते हे धन से और उपयोग करते हे मनुष्य का ये अनुचित है।
देखिए आप किसी सूई से युद्ध नही लड़ सकते,न किसी तलवार से वस्त्र सी सकते है नही क्या किसके लिए हे वो समझना आवश्यक है आप भी उचित दिशा में कदम उठाई।

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